इस ऑस्ट्रेलियन नस्ल की मुर्गी को पालने से किसान हो सकते हैं मालामाल

देश की केंद्र तथा राज्य सरकारें किसानों के लिए परंपरागत खेती के इतर कई वैकल्पिक व्यवसायों को खड़ा करने पर जो दे रही हैं। इनमें से एक है मुर्गी पालन। पिछले कुछ सालों में सरकार ने मुर्गी पालन पर काफी जोर दिया है, ताकि बाजार में मुर्गियों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके, इसके साथ ही मुर्गी पालने वाले किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान की जा सके। इसके लिए सरकार मुर्गी पालक किसानों को आर्थिक मदद भी मुहैया करवा रही है। अगर किसान मुर्गी पालन के व्यवसाय में अच्छी मुर्गी के नस्ल का चुनाव करें तो वो मुर्गी पालक रातोंरात मालामाल हो सकते हैं। यह भी पढ़ें : कड़कनाथ पालें, लाखों में खेलें कई बार अच्छी नस्ल का चुनाव न करने के कारण किसानों को मुर्गी पालन के व्यवसाय में उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं हो पाता, जबकि इसमें उनका खर्च ज्यादा हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे किसानों को रेड आइलैंड मुर्गी का पालन करना चाहिए जो कमाई के लिए मुर्गी पालन के व्यवसाय में एक बेहतरीन विकल्प है। इस मुर्गी को पालने पर किसानों को अन्य मुर्गियों को पालने जितना खर्च नहीं आता है। मतलब इसे पालना अपकेक्षाकृत ज्यादा सस्ता है। रेड आइलैंड मुर्गी एक ऑस्ट्रेलियन नस्ल की मुर्गी है जो एक वर्ष में लगभग 300 अंडे देती है। इसके साथ ही इसके चूजे भी बहुत जल्दी वयस्क होते हैं और वो भी जल्द ही अंडे देने लगते हैं। साथ ही इस नस्ल की मुर्गियों की मौत की संभावनाएं बेहद कम होती हैं क्योंकि इनकी इम्यूनिटी काफी तेज होती है। जिससे बीमारियों का इनके ऊपर कोई खास असर नहीं पड़ता। रेड आइलैंड मुर्गी को पालने के लिए किसी फार्म हाउस की जरूरत नहीं होती है। ये मुर्गियां बेहद कम जगह पर अपना बसेरा बना लेती हैं। इसलिए इन मुर्गियों को आप अपने घर की खाली पड़ी जगह में बेहद आसानी से पाल सकते हैं। यह भी पढ़ें : मुर्गी पालन की जगह कीजिये इस पक्षी का पालन और पाएं बंपर मुनाफा मुर्गियां पानी बहुत ज्यादा पीती हैं, इसलिए इनके आस पास पानी की समुचित व्ययस्था करनी चाहिए। एक मुर्गी एक किलो दाना खाने पर 2 से 3 लीटर तक पानी पी जाती हैं। गर्मियों के मौसम में मुर्गियां दोगुनी रफ्तार से पानी पीती हैं। ध्यान रहे कि जहां मुर्गियां रखी गई हों, वहां की जमीन पूरी तरह से सूखी हो। गीली जमीन पर मुर्गियों में बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। रेड आइलैंड मुर्गी के लिए चारे का उचित प्रबंध करना बेहद आवश्यक है। नहीं तो उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलेंगे। जो चारा आप मुर्गियों के लिए उपलब्ध करवाते हैं उनमें यह ध्यान दें कि चारे में जरूरी पोषक तत्व यानी कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन्स की पर्याप्त मात्रा मौजूद हो। इनके अलावा मुर्गियों को अलग से कुछ और पोषक तत्व देने की जरूरत होती है ताकि खाना अच्छे से पच सके और मुर्गियों का विकास तेजी से हो। चूजे को तेजी से विकसित करने के लिए अलसी और मक्का दे सकते हैं। ये दोनों ही अनाज चूजों के विकास के लिए वरदान हैं। चूजे को पूर्ण रूप से विकसित होने में लगभग 45 दिन लग सकते हैं। इस दौरान उनके खाने पीने का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। नहीं तो चूजों का वजन मन मुताबिक नहीं बढ़ेगा। भारतीय बाजार में रेड आइलैंड मुर्गी के अंडों की जबरदस्त मांग है। इस मुर्गी का एक अंडा 10 से 12 रुपये में आसानी से बिक जाता है। वहीं अन्य नस्ल की मुर्गियों के अंडों की कीमत 7 से 8 रुपये तक होती है। इसके साथ ही इस नस्ल के मुर्गे के मांस का भाव भी अन्य नस्ल के मुर्गों की अपेक्षा ज्यादा है। इसलिए मुर्गी पालक इस नस्ल की मुर्गी का पालन करके कम समय में अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।